Sunday 24 May 2015

तेरे हाथों से जब....

तेरे हाथों से जब छूट जाएंगे हम 
आईने की तरह टूट जाएंगे हम..

तेरे आंगन में कोई परिंदा नहीं 
तेरे पिंजरे में आ रह जाएंगे हम..

आज बारिश हुई है बड़े जोर की 
ऐसा लगता है कि आज रोएंगे हम..

बख्श दे मुझको जन्नत ऐ नाजनीं 
तुझे पहलू में ले मर जाएंगे हम..

http://hottystan.blogspot.in/

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