कुछ पल जो बीते अपने दोस्तों के साथ,
कुछ यादगार लम्हे जो याद आये तो आँख भर आये,
कुछ मीठा मीठा दर्द जो दे खुशियां हज़ार,
Sunday 26 April 2015
संदेह से देखना....
संदेह से देखना तेरी आदत है, पर मेरी यारी भी देख.. खामियां मुझ में लाख सही, पर मेरी वफादारी भी देख.. यूँ न कर मुझे अलग खुद से , मेरी लाचारी भी देख.. ले झुकी तेरे कदमों में , तेरे आगे सब हारी भी देख..
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