hottystan
कुछ पल जो बीते अपने दोस्तों के साथ, कुछ यादगार लम्हे जो याद आये तो आँख भर आये, कुछ मीठा मीठा दर्द जो दे खुशियां हज़ार,
Tuesday, 6 March 2018
Saturday, 3 October 2015
Saturday, 22 August 2015
दिल जो टूटे...
दिल जो टूटे तो कोई जख्म न जुबां पे लाए,
कैसे फिर कोई उनके गम को समझ पाए..
एक खुलते ही कई और गांठ लग जाते हैं ,
दिल के धागे भी उलझकर न सुलझ पाए..
आप हंसते हैं मेरी हालत पर, हंसते रहिए ,
ये मेरी दर्द भी दुनिया का कुछ सबक पाए..
जब भी खुलता है ये एक आस जगा देता है ,
घर के दरवाजे भी तेरे आने की कसक पाए..
कैसे फिर कोई उनके गम को समझ पाए..
एक खुलते ही कई और गांठ लग जाते हैं ,
दिल के धागे भी उलझकर न सुलझ पाए..
आप हंसते हैं मेरी हालत पर, हंसते रहिए ,
ये मेरी दर्द भी दुनिया का कुछ सबक पाए..
जब भी खुलता है ये एक आस जगा देता है ,
घर के दरवाजे भी तेरे आने की कसक पाए..
Friday, 21 August 2015
इंतजारों के...
इंतजारों के कांटों को मैं चुनती चली गयी,
पल पल गिरे आंसू को गिनती चली गयी..
रिश्तों ने हर कदम पर मुझको बहुत टोका,
मगर मैं तेरी बात को बस सुनती चली गयी..
अब तुम ही खफा हो तो बताओ क्या करूं ,
तेरा जवाब न मिला तो सिर पिटती चली गयी..
कुछ दिन में शायद सबकुछ ठीक हो जाए ,
इसी उम्मीद में ये गजल मैं बुनती चली गयी..
पल पल गिरे आंसू को गिनती चली गयी..
रिश्तों ने हर कदम पर मुझको बहुत टोका,
मगर मैं तेरी बात को बस सुनती चली गयी..
अब तुम ही खफा हो तो बताओ क्या करूं ,
तेरा जवाब न मिला तो सिर पिटती चली गयी..
कुछ दिन में शायद सबकुछ ठीक हो जाए ,
इसी उम्मीद में ये गजल मैं बुनती चली गयी..
Tuesday, 18 August 2015
ऐ जिंदगी तेरे...
ऐ जिंदगी तेरे इश्क में पागल भी हम हो चुके ,
कांटों से नहीं, हम यहां फूलों से घायल हो चुके ..
अपने हमें समझाते रहे दुनिया की वो रवायतें ,
हम समझ न पाए तो अपने घर से निकल चुके ..
मोम सा जलते रहे हम चांद की खातिर रातभर ,
बुझ गए हैं आज हम जो पूरी तरह पिघल चुके ..
एक जगह रुकने से अब घुटता है क्यों दम मेरा ,
सांसों की कशमकश में कितने शहर बदल चुके ..
Thursday, 6 August 2015
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