Tuesday 13 January 2015

मैं तुझे क़त्ल तो...

"मैं तुझे क़त्ल तो कर दूँ, मगर ऐ मेरे ज़मीर...
कोई ख़ंजर तेरे सीने में उतरता ही नहीं...

"बेवफ़ाओं की तरह तूने मुझे लूटा है...
ज़िन्दगी ! तुझसे मगर दिल है कि भरता ही नहीं..
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