कुछ पल जो बीते अपने दोस्तों के साथ,
कुछ यादगार लम्हे जो याद आये तो आँख भर आये,
कुछ मीठा मीठा दर्द जो दे खुशियां हज़ार,
Tuesday, 13 January 2015
मैं तुझे क़त्ल तो...
"मैं तुझे क़त्ल तो कर दूँ, मगर ऐ मेरे ज़मीर... कोई ख़ंजर तेरे सीने में उतरता ही नहीं... "बेवफ़ाओं की तरह तूने मुझे लूटा है... ज़िन्दगी ! तुझसे मगर दिल है कि भरता ही नहीं..
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